ये अदब, ये तहज़ीब,ये सलीका अपने साथ मत लाना...
जब भी आओ मेरे ठिकाने पर, बेअदम, फटे हाल आना,
तुम जैसे भी हो, मुझे अच्छे लगोगे...
एक कोहिनूर चोरी हुआ था कभी, नुमाईश के चक्कर में,
फिर से इस कोहिनूर को चोरी नही करवाना।
मोहब्बत हो तुम मेरी, नही चाहती कि तुम्हे कोई और पसंद करे ....
मेरी गली में चांदनी बहुत है, तुम्हे चांद समझ लेगी, मेरा क्या होगा ....??
तेरे बिन कुछ भी नहीं...
तेरे बिना पायल ने छनकना छोड़ दिया,फूलों ने भी खुशबू बिखराना छोड़ दिया।हम तो प्यार के रही हैं सादगी शबनम,ऐ चांद की चांदनी क्यों इतराना छोड़ दिया।
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