
सुनो सनम काश रह सकूँ तेरे साथ मैं ज़िंदगी के हर पल परछाई की तरह...
जो रहती है तुम्हारे साथ कभी आगे तो कभी पीछे छुपकर पर रहती है हमेशा...
उम्र भर एक ऐसे साथी की तरह जो किसी को नज़र तो नहीं आती पर रहती जरूर है।
जिसका वज़ूद तुम्हारे बिना कुछ है ही नहीं जो बस तुम्हारे साथ है जो तुम में है और बस तुम्ही से है।

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